एक औरत हाथ में हथौड़ा लिये अपने बेटे के स्कूल में पहुंची और चपरासी से पूछ्ने लगी शुक्ला सर की क्लास कौन सी है?
क्यों पूछ रही हैं? हथौड़े को देखकर चपरासी ने डरते हुए पूछा।
अरे वो मेरे बेटे के क्लास टीचर है। हथौड़ा हिलाते हुए वो औरत उतावलेपन से बोली।
चपरासी ने दौड़कर शुक्ला सर को खबर दी कि एक औरत हाथ में हथौड़ा लिये आपको ढूंढ रही है। शुक्ला सर के छक्के छूट गये। वो दौड़कर प्रिसिंपल की शरण में पहुंचे। प्रिंसिपल तत्काल उस औरत के पास पहुंचा और विनय पूर्वक बोला कृपया करके आप शांत हो जाईये।
मै शांत ही हूं। वो औरत बोली।
प्रिंसिपल: आप मुझे बताईये कि बात क्या है?
औरत: बात कुछ भी नही हैं। मैं बस शुक्ला सर की क्लास में जाना चाहती हूं।
प्रिंसिपल: लेकिन क्यों?
औरत: क्यों क्योंकि मुझे वहाँ उस बेंच की कील ठोकनी है जिस पर मेरा बेटा बैठता है। क़ल वो स्कूल से तीसरी पेंट फ़ाड़ कर आया है।
क्यों पूछ रही हैं? हथौड़े को देखकर चपरासी ने डरते हुए पूछा।
अरे वो मेरे बेटे के क्लास टीचर है। हथौड़ा हिलाते हुए वो औरत उतावलेपन से बोली।
चपरासी ने दौड़कर शुक्ला सर को खबर दी कि एक औरत हाथ में हथौड़ा लिये आपको ढूंढ रही है। शुक्ला सर के छक्के छूट गये। वो दौड़कर प्रिसिंपल की शरण में पहुंचे। प्रिंसिपल तत्काल उस औरत के पास पहुंचा और विनय पूर्वक बोला कृपया करके आप शांत हो जाईये।
मै शांत ही हूं। वो औरत बोली।
प्रिंसिपल: आप मुझे बताईये कि बात क्या है?
औरत: बात कुछ भी नही हैं। मैं बस शुक्ला सर की क्लास में जाना चाहती हूं।
प्रिंसिपल: लेकिन क्यों?
औरत: क्यों क्योंकि मुझे वहाँ उस बेंच की कील ठोकनी है जिस पर मेरा बेटा बैठता है। क़ल वो स्कूल से तीसरी पेंट फ़ाड़ कर आया है।
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