एक बार जीतो और प्रीतो चांदनी चौक में घूम रही होती है कि तभी उनकी नज़र एक महिला पर पड़ती है जो कि अपने पति को खिड़की से धक्का दे देती है जिस से पति नीचे रखे कूड़ेदान में जा गिरता है यह देख जीतो प्रीतो से कहती है;
जीतो: यह दिल्ली कि महिलाएं बहुत फिजूलखर्च होती हैं!
जीतो कि बात सुन प्रीतो हैरानी से पूछती है;
प्रीतो: वह कैसे!
जीतो: अब देखो ना यह आदमी अभी और चार-पांच साल इसके काम आ सकता था फिर भी इससे कूड़े में फ़ेंक दिया!
जीतो: यह दिल्ली कि महिलाएं बहुत फिजूलखर्च होती हैं!
जीतो कि बात सुन प्रीतो हैरानी से पूछती है;
प्रीतो: वह कैसे!
जीतो: अब देखो ना यह आदमी अभी और चार-पांच साल इसके काम आ सकता था फिर भी इससे कूड़े में फ़ेंक दिया!
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