संता और बंता गढ्ढा खोद रहे थे बंता ने संता से पूछा अरे भाई हम दोनों ही काम कर रहे है और ये तीसरा आदमी वहां छाया में बैठकर आराम कर रहा है!

संता ने कहा शायद उसे काम नही आता इसलिए वह वहां जाकर बैठ गया है मैं उसे पूछकर आता हूँ!

संता उस आदमी के पास गया और उसे पूछा अरे भाई तुम काम क्यों नही कर रहे हो?

उस आदमी ने कहा क्योंकि मेरे पास दिमाग है!

संता ने पूछा वो कैसे?

वह आदमी पेड़ के साथ खड़ा हो गया और कहने लगा मेरे मुहं पर मुक्का मारो जितनी जोर से तुम मार सकते हो!

संता ने मुक्का बनाया और पूरे जोर से उस आदमी को मारा वह आदमी थोड़ा सा एक तरफ को हो गया और संता का मुक्का सीधा पेड़ पर लगा उसे हाथ में बहुत दर्द हुआ!

संता ने कहा अच्छा अब मुझे पता चला कि तुम काम क्यों नही कर रहे!

वह वापिस बंता के पास गया बंता ने उसे पूछा तो अब बताओ हम दोनों ही काम क्यों कर रहे है?

संता ने कहा क्योंकि उसके पास दिमाग है!

बंता ने पूछा वह कैसे?

संता इधर-उधर पेड़ देखने लगा पर उसे पेड़ नजर नही आया उसने अपने हाथ को अपने मुहं के सामने रख दिया और बंता से कहा मेरे हाथ पर अपना मुक्का मारो जितनी जोर से तुम मार सकते हो!

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